5G Technology क्या है, और ये दूसरे Network से कितना अलग होगा
5G टेक्नोलॉजी क्या है? जानिए अब कैसे कर सकते है 2GB की Movie को 10 मिनट में डाउनलोड.
जैसे हर इंसानी परिवार में एक पीढ़ी यानी जनरेशन के बाद दूसरी पीढ़ी का आगमन होता है।
उसी प्रकार टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी जब टेलीकम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी की बात होती है तो 1G, 2G आदि की बात होती है।
यह “G” यानी जनरेशन है वायरलेस सेल्लुलर टेक्नोलॉजी (टेलीकम्यूनिकेशन) की।
यह तकनीकी रूप से टेलीकम्यूनिकेशन के मापदंड है जिनको 1980 में प्रस्तुत किया गया था।
1G से हुई इस जनरेशन ऑफ़ टेक्नोलॉजी की शुरुआत एनालॉग सिग्नल्स से हुई जो कि 2G के बाद से डिजिटल प्रारूप में चल रही है|
हर पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी की और बढ़ते हुए आप पाएंगे कि कनेक्टिविटी, स्पीड, रिलायबिलिटी और उपयोगिता के मामले में हर पीढ़ी पिछले से बेहतर साबित हुई है।
उदाहरण के तौर पर समझे तो 1G से जहाँ सिर्फ कालिंग संभव हो पायी तो वहीँ 4G के आते-आते आज हम वीडियो ग्रुप कॉल करने में सफल हो चुके हैं।
पूरी दुनिया में अब 5G टेक्नोलॉजी के सम्पूर्ण आगमन का इंतज़ार है और इसे लेकर विभिन्न हिस्सों में प्रयोग किये जा रहे हैं। इसको लेकर Lenovo, LG, Apple जैसी दिग्गज मोबाइल निर्माता कंपनियां अपने स्मार्टफोन्स की भी अगली पीढ़ी पर काम कर रही है।
जैसे कि Lenovo ने पिछले वर्ष दावा किया था कि वह विश्व का पहला फोल्डेबल 5G स्मार्टफोन लांच करेगा जिसके बाद से तकनीकी प्रतिस्पर्धा का दौर ज़ारी है।
5G टेक्नोलॉजी क्या है:
5G यानी 5th जनरेशन टेक्नोलॉजी टेलीकम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी की पांचवी पीढ़ी है। जिसे इसका लेटेस्ट जनरेशन कहा जाता है।
यह हर पहलू में डिजिटल टेलीकम्यूनिकेशन की पिछली पीढ़ियां (2G, 3G, 4G) से बेहतर है।
5G टेक्नोलॉजी का उचित मापदंड उसके डाटा स्पीड, कम देरी, पावर सेविंग कैपेसिटी, हाई एंडिंग कनेक्टिविटी और रिलायबिलिटी की वजह से है।जिसके कारण यह बाकी जनरेशन टेक्नोलॉजीस से हर पहलू में बेहतर प्रदर्शन करता हुआ प्रतीत होता है।
एक सरल उदाहरण से समझे तो यदि आप 1GB की मूवी डाउनलोड अपने 5G स्मार्टफोन के ज़रिये करने बैठेंगे तो 20 GBPS से भी अधिक स्पीड होने पर यह आपके फ़ोन पर मूवी को मात्र 1 मिनट में डाउनलोड कर डालेगा।
यानी ऑफिस जैसी जगह पर हज़ारो GB का डेटा चंद घंटो में डाउनलोड हो सकेगा वह भी बिना किसी रुकावट के।यह है 5G टेक्नोलॉजी की फ़ास्ट स्पीड और रिलायबिलिटी।
एक साथ कई डिवाइस जब साथ में कनेक्ट हो सकेंगे तो 5G टेक्नोलॉजी के चलते हैवी ट्रैफिक की समस्या से भी यूज़र्स को छुटकारा मिल जायेगा क्योंकि तब इंटरनेट स्पीड पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा।
5G टेक्नोलॉजी के फ्रेमवर्क को समझे तो इसमें एक अल्ट्रा स्पीड नेटवर्क होता है जो एवरेज 20 GBPS यानी 20 गीगाबाइट प्रति सेकंड की डाटा स्पीड प्रदान करेगा।
इस हिसाब से एक वेब पेज को खोलने में 1 मिलीसेकंड लगेगा बस।
आखिर 5G काम कैसे करेगा:
5G से परिचय हो जाने के बाद अब बारी है समझने कि आखिर 5G काम कैसे करेगा ?
4G से हर मामले में बेहतर 5G में नवीन तकनीक का इस्तेमाल होगा। वर्तमान में 4G को इस्तेमाल करने सिग्नल्स को रेडिएट किया जाता है।
हाई पावर सेल स्टेशनो की मदद से लेकिन 5G तकनीक में इससे विपरीत ढेर सारे स्माल सेल पावर स्टेशनो का इस्तेमाल किया जायेगा।जिन्हे छोटी-छोटी जगह जैसे लाइट पोल्स और बिल्डिंग्स पर आराम से लगाया जा सकता है।
पहली जेनेरशन की तर्ज़ पर ही इसमें भी low frequency spectrum का इस्तेमाल करने पर ज़ोर दिया जा रहा है क्योंकि टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे डिस्टेंस और इंटरफेरेंस ज़्यादा मिलेगी।
इससे नेटवर्क ऑपरेटर सिस्टम का इस्तेमाल कर सकेंगे जो कि उनके पास पहले से ही मौजूद होगा।
इस तरह 5G की स्पीड अपने आप ही पिछली पीढ़ियों के मुक़ाबले 10 से 30 गुना अधिक हो जाएँगी जो इसके क्रांतिकारी महत्व को दर्शाती है।
5G की शुरुआत कब से :
अब 5G तकनीक वास्तव में एक बदलाव लाने वाली तकनीक साबित होने वाली है तो इसका इंतज़ार पूरी दुनिया के टेक प्रेमियों को है।
लेकिन साउथ कोरिया ने इसको अपने देश में विकसित करने में सबसे बड़ी कामयाबी हासिल की है।
वर्ष 2019 के अप्रैल महीने में ही उसने अपनी तीन कंपनियों SK telecom, KT Coroporation और LG Uplus के सफल एक्सपेरिमेंट के ज़रिये देश के प्रमुख 6 शहरों के 38,000 में सफलतापूर्वक लांच किया।
अमेरिका में इसको Verizon नामक टेक्नोलॉजी कंपनी ने लिमिटेड लेवल पर लोगों के लिए पेश किया है।
फिलहाल दुनिया की पांच कंपनियां 5G हार्डवेयर बनाने और बेचने का काम कर रही है।
इनमें शामिल है – SONY, Nokia, Samsung, Ericsson, Verizon.
भारत में 5G कब देखने को मिलेगा ?
भारत सरकार ने 5G तकनीक स्पेक्ट्रम के ऑक्शन की तैयारियां शुरू कर डाली है। और जल्दी ही टेलीकम्यूनिकेशन मार्किट की दिग्गज कंपनियों को इसके लिए आमंत्रित किया जायेगा।
जिसके बाद यह मार्किट में आ जाएगी और लोगों के मोबाइल फ़ोन तक अपनी दस्तक देने में कामयाब हो जाएगी।देश में तीन प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां रिलायंस JIO, AirTel और Idea-Vodafon भी 5G मार्किट पर पकड़ पाने के लिए अभी से इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में लग चुकी है।
और अब देखना होगा कि यह पहले से मिल रहे सस्ते 4G इंटरनेट के इतर भारतीय कस्टमर क्यों 5G के लिए अधिक खर्च करेगा। जबकि वह शुरुआत में महंगी ही रहने वाली है।