विज्ञान ने हमारे दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है। प्रातः जागने से लेकर रात्रि सोने तक किया जाने वाला प्रत्येक कार्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रभाव से दिनोंदिन लगातार आसान बनता जा रहा है। विज्ञान नित नयी प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए हमारे जीवन को सरल करने का लगातार प्रयास कर रहा है। प्रत्येक नयी प्रौद्योगिकी के प्रयोग से हमारी दिनचर्या तथा कार्यशैली में सुधार आया है।
मनुष्य की मुख्य आवश्यकताओं में कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य सुविधा आदि हैं। आइए, विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रयोग से होने वाले परिवर्तनों का हम अध्ययन करते हैं।
1-कृषि में विज्ञान और प्रौद्योगिकी:-
पहले हल, बैल से खेत की जुताई की जाती थी इसमें श्रम और समय अधिक लगता था। ट्रैक्टर के आविष्कार से खेत जोतना आसान हो गया। इसमें विज्ञान और कल्टीवेटर द्वारा प्रौद्योगिकी में सुधार करते हुए रिमोट चालित ट्रैक्टर का आविष्कार कर लिया गया है।
इसी प्रकार पहले तालाब या किसी बड़े गड्ढे से दो आदमी किनारे खड़े होकर बेड़ी द्वारा सिंचाई करते थे। ढेकुली और रहट द्वारा भी सिंचाई की जाती थी। ट्यूब वेल द्वारा सिंचाई करना बहुत आसान हो गया। पानी के उचित उपयोग को ध्यान में रखते हुए आजकल ड्रिप सिंचाई पद्धति का उपयोग प्रचलन में आ रहा है। आज नौसम की पूर्व जानकारी देने वाले अनेक Apps मोबाइल पर उपलब्ध हैं। मिट्टी में पोषक तत्व की कमी की जाँच मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में करा सकते हैं। फसल में रोग की पहचान व उपचार किस प्रकार करें इसकी जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध है। तैयार फसल को हम कहाँ अधिक कीमत पर बेंचें यह जानकारी आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से हम कर सकते हैं।
2-उद्योग में विज्ञान और प्रौद्योगिकी ( Science and Technology in Industry) -
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से उद्योगों में क्रान्तिकारी परिवर्तन दिखायी दे रहे हैं। ईंट-भट्टे पर मिट्टी की कच्ची ईंट पाथने का काम हाथ से किया जाता रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से ईंट पाथने का काम मशीन द्वारा किया जाने लगा है। इससे समय व श्रम दोनों की बचत होती है। कृषि में बुआई करने और फसल काटने की मशीनें, पेड़ से फल तोड़ने की मशीनें आदि के आविष्कार से हमारा जीवन -आसान हो गया है। पहले घर में रात में प्रकाश के लिए लालटेन, लैम्प, कुप्पी या ढिबरी आदि का प्रयोग किया जाता था। विद्युत और बल्ब के आविष्कार से हमारा जीवन सुविधाजनक हुआ। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सुधार के साथ C.F.L. (Compact Fluorescent Light) और L.ED. (Light Emitting Diode) बल्ब आ गये। नब ऊर्जा स्रोतों के लिए हमारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी सौर ऊर्जा व परमाणु ऊर्जा की ओर अग्रसर है।
3-यातायात में विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science and Technology in Transport) -
यातायात के क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से क्रान्तिकारी परिवर्तन आ रहा है। बैलगाड़ी, ताँगा कूटर, मोटर साइकिल, कार आदि को पीछे छोड़ते हुए प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रिक बाइक (ई-बाइक) और लेक्ट्रिक कार तक आ पहुँची है। भारत में डीजल और पेट्रोल चालित वाहन 2030 तक बहुत ही कम कर दिए रंगे। आज इलेक्ट्रिक बसें सड़क पर दौड़ रही हैं। सौर ऊर्जा और विद्युत ऊर्जा से चलने वाले वाहनों का णि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सहायता से किया जाने लगा है।
4-चिकित्सा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science and Technology in Therapy) -
आज अनेक रोगों से बचाव के टीके (VACCINE) उपलब्ध हैं। जैसे- काली खाँसी, चेचक, पोलियों, टी.बी. आदि। शरीर के अन्दर के अंगों की जाँच हेतु मशीनें आज की प्रौद्योगिकी में हमारे पास उपलब्ध हैं। जैसे - M.R.I. (Magnetic Resonance Imaging), सी.टी. स्कैन, (Computed Tomography Scan) आदि। आज रोबोट की सहायता से शल्य चिकित्सा (Surgery) की जा रही है। पथरी, मोतियाबिन्द आदि का निवारण आज उन्नत विज्ञान का इलाज
और प्रौद्योगिकी के द्वारा लेसर किरणों की सहायता से किया जा रहा है। कैंसर जैसे असाध्य रोगों कीमोथिरैपी से सम्भव हुआ है।
5-संचार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी ( Science and Technology in Communication)
कबूतर और पत्र वाहक का स्थान पोस्टकार्ड और अन्तदेशीय पत्र, रजिस्टर्ड पत्र आदि ने ले लिया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने मोबाइल लाकर संचार के क्षेत्र में तहलका मचा दिया, मोबाइल पर ई-मेल, Whatsapp, Twitter, Instagram आदि के विकास से जनसंचार के क्षेत्र में क्रान्ति उत्पन्न हो गई है। वीडियो कॉल की सहायता से आज हम कितनी भी दूरी पर बैठे व्यक्ति से मानो आमने-सामने बात कर रहे हों। आज हम Snapdeal, Flipkart, Amazon आदि से घर बैठे खरीदारी कर सकते हैं। रेल का सामान्य टिकट लेना (लाइन में बिना लगे, घर बैठे) रेल आरक्षण, बिल पेमेन्ट, नेट बैंकिंग आदि कार्य आज हम विकसित विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सहायता से कहीं भी बैठे, चौबीस घण्टे कर सकते हैं।
6-रसोईघर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी - ( Science and Technology in Kitchen )
आज प्रौद्योगिकी गोबर के कंडे और चूल्हे का धुआँ समाप्त करने की ओर अग्रसर है। उज्ज्वला योजना से गरीबों को भी गैस कनेक्शन मिल गया है। आज सोलर कुकर, सोलर हीटर, माइक्रोवेव ओवन, इंडक्शन कुकर, इलेक्ट्रिक तवा, टोस्टर आदि धुआँरहित उपकरण रसोईघर के अन्दर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के द्वारा उपलब्ध हैं।